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प्रेम पत्र लिखना है? तो गर्लफ्रेंड के नाम लिखी एक हिंदुस्तानी डॉक्टर की ये खास चिट्ठी जरूर पढ़ें

- शिव कुमार मिश्र

प्रियतमे रजनी,
यह पत्र लिखने कुर्सी पर बैठा ही था कि पीठ में दर्द शुरू हो गया. तकलीफ इतनी बढ़ गई कि सहन नहीं हो रहा था. तब याद आया कि आज एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव आयोडेक्स की दस शीशी सैम्पल में थमा गया था. उठकर आलमारी से आयोडेक्स निकाला और पीठ पर मालिश की. फिर भी बैठा नहीं जा रहा है, इसलिए तुम्हें ये पत्र लेटे-लेटे लिख रहा हूँ. ऐसा हो सकता है कि तुम्हें लिखाई पूरी तरह से समझ में नहीं आए. अगर ऐसा हुआ (वैसे मुझे मालूम है कि ऐसा ही होगा. आख़िर तुमने मेरे साथ बगीचे में घूमने और आईस्क्रीम खाने के सिवा किया ही क्या है? अपनी पढाई-लिखाई की वाट पहले ही लगा चुकी हो) तो फिर पहले ख़ुद से तीन-चार बार ट्राई मारना. उसके बाद भी समझ में न आए तो तुम्हारे मुहल्ले के दर्शन मेडिकल में चली जाना. वहां पप्पू सेल्समैन पत्र पढ़कर समझा देगा. लेकिन हाँ, उसके पास ज्यादा देर तक मत रहना. मतलब समझकर तुंरत घर वापस चली जाना.
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आगे समाचार यह है कि पिताजी के दबाव में आकर मुझे ऍफ़आरसीएस करने अमेरिका जाना पड़ रहा है. लेकिन जब भी अमेरिका जाने की बात सोचता हूँ तो मुझे राजेन्द्र कुमार की फिल्में याद आ जाती हैं. वो फिल्में जिनमें राजेंद्र कुमार डाक्टरी की पढाई करने अमेरिका चले जाते थे और उनके जाने के बाद हीरोइन की शादी किसी और से हो जाती थी. उन फिल्मों की याद करके मेरे रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं. अभी थोड़ी देर पहले ही रोंगटे खड़े हुए थे. तीन एस्प्रिन और चार डिस्प्रिन खाकर मैं नार्मल हुआ हूँ.

एक बार तो मन में बात आई कि पिताजी के आदेश का पालन न करूं. फिर सोचा वे ख़ुद भी डॉक्टर हैं और उन्होंने जब इतना बड़ा नर्सिंग होम बना ही लिया है तो उसे चलाने वाला भी तो कोई चाहिए. तुम्हें तो मालूम है कि मैं उनका इकलौता पुत्र हूँ. ऐसे में उनके धंधे को आगे बढ़ाने का काम मुझे ही करना पड़ेगा. माँ भी कह रही थी कि मैं अमेरिका जाकर डाक्टरी की पढाई करूं. मुझे समझा रही थी कि अगर मैं बड़ा डॉक्टर बन जाऊँगा तो कुछ पैसा लगाकर और कुछ बैंक से फाइनेंस लेकर एक और नर्सिंग होम खोल लेंगे. दो नर्सिंग होम देखकर पिताजी कितने खुश होंगे.

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वैसे तुम्हें निराश होने की ज़रूरत नहीं है. तुम हमेशा मेरी यादों में रहोगी. मैं तुम्हें रोज मेल लिखूंगा. वहां अमेरिका में अगर घूमने-फिरने और डिस्को में जाने से टाइम मिला तो हम दोनों नेट पर चैट भी कर सकते हैं. तुम्हें याद है, मेरे पिछले जन्मदिन पर तुमने मुझे एक आला और एक थर्मामीटर दिया था. मैं जब अमेरिका जाऊँगा तो उन दोनों को अपने साथ लेकर जाऊंगा. जब भी कोई लड़की हॉस्पिटल में मरीज बनकर आएगी और मैं उसका चेकअप करूंगा तो मुझे लगेगा कि मैं तुम्हारा ही टेम्परेचर माप रहा हूँ और तुम्हारे ह्रदय की धड़कनें ही सुन रहा हूँ.


मुझे पता है कि मेरे जाने के बाद तुम उदास रहने लगोगी. मैं वहां परदेश में और तुम यहाँ. तुम्हें तो बिरहिणी नायिका की भूमिका अदा करनी ही पड़ेगी. जब तुम दुखी रहने लगोगी तब तुम्हारे घरवाले समझ जायेंगे कि तुम किसी के प्यार में पड़ गई हो. तुम्हें तो मालूम है; 'इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते.' ऐसे में तुम्हारे पिताजी तुम्हारी शादी करवाने की कोशिश करेंगे. लेकिन तुम शादी मत करना. मैं तुम्हें सजेस्ट करता हूँ कि तुम अभी से तरह-तरह के बहाने बनाने की प्रैक्टिस शुरू कर दो. जब पिताजी शादी के लिए कहेंगे तब ये बहाने काम में लाना.

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मेरे जाने के बाद जब भी पिक्चर देखने की इच्छा हो तो अपनी सहेली पारो को साथ लेकर पिक्चर देख आना. एक बात का ध्यान रखना पारो के बॉयफ्रेंड रामदास को साथ लेकर मत जाना. वो बहुत काइयां किस्म का इंसान है. वो तुम्हें इम्प्रेस करने की कोशिश करेगा. और पिक्चर हाल में ज्यादा आईसक्रीम मत खाना. तुम्हें तो मालूम ही है, तुम्हें हर तीसरे दिन जुकाम हो जाता है. हाँ, अगर जुकाम हो जायेगा तो सिक्स एक्शन 400 लेना मत भूलना. वैसे बुखार हो जाए तो मेरे फ्रेंड डॉक्टर चिराग के पास जाना. ज्यादा बटर पॉपकॉर्न भी मत खाना. तुम्हारा वजन पहले से ही काफी बढ़ा हुआ है.

बाकी क्या लिखूं? कुछ समझ में नहीं आ रहा है. वैसे लग रहा है कि कुछ और लिखना चाहिए लेकिन तय नहीं कर पा रहा हूँ कि क्या लिखूं. हाँ, अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना. हो सके तो एमए करने के बाद पीएचडी करने की कोशिश करना. ऐसे में शादी न करने का एक और बहाना मिल जायेगा. जब तक मैं नहीं आता, तब तक किसी और से शादी करने की सोचना भी मत. वैसे जब सारे बहाने फ़ेल हो जाएँ तो फिर ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करना. अपने पिताजी को ये बताना कि तुम जिससे प्यार करती हो, वो अपने माँ-बाप का इकलौता पुत्र है और उसके बाप के पास ढेर सारा पैसा है. मुझे विश्वास है कि वे यह सुनने के बाद फिर कभी तुम्हारी शादी की जिद नहीं करेंगे.
अभी तो मैं इतना ही लिख रहा हूँ. बाकी की बातें अमेरिका पहुँचकर मेल में लिखूंगा.

तुम्हारा
डॉक्टर सोमेश
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