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कपिल मिश्रा की मां का खुला ख़त, अरविंद मेरा बेटा बहुत जिद्दी है, तुमने शायद उसे पहचाना नहीं


प्रिय अरविंद, 
यह पहला और आखिरी पत्र लिख रही हूँ तुम्हे। मेरा बेटा तुम्हारे से सवाल पूछेगा और तुम सवालों से बचोगे ऐसा कभी नही सोच था। जब जब तुम मुझसे मिले हो तुमने हमेशा सार्वजनिक जीवन मे पारदर्शिता की बात की। हर चीज को जनता के सामने रखने की बात की। आज मेरे बेटे पर BJP का एजेंट होने का आरोप लगा रहे हो, सोशल मीडिया में झूठी तस्वीरें तुम्हारे सबसे करीबी साथी फैला रहे हैं। कल शाम को AAP के ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं ने सोशल मीडिया पर जो तस्वीर फैलाई उस कार्यक्रम में तो तुम भी थे। तुम्हारी सारी कैबिनेट थी। कुमार विश्वास के पिताजी के सम्मान में वो कार्यक्रम था।
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कितना झूठ अरविंद, आखिर कितना?
याद है जब तुम मेरे घर आये थे कि कपिल को पार्टी में लेना चाहता हूँ, चुनाव लड़वाना है कपिल मान नही रहा। वो केवल आंदोलन करना चाहता था, तब तुम आये थे मेरे पास कि कपिल की जरूरत है। आज तुम्हारे लोग मुझे भी भ्रष्टाचारी कह रहे है। तुम चुप हो। दिल्ली की सबसे पहली मोहल्ला सभा मैंने लगाई थी। 2007 में।


तुम भी तो आये थे उस मोहल्ला सभा मे, तुम्हारे सारे साथी आये थे। तब तो कोई आंदोलन या पार्टी का नामों निशान नही था। कपिल उस मोहल्ला सभा को संचालित कर रहा था। तुम्हारी अपनी किताब स्वराज में तुमने मेरे काम करने के तरीकों को लिखा हैं । आज कहाँ से कहाँ आ गए हो तुम। मुझे तुमने ही बताया था कि जब AAP के 28 विधायक जीत कर आये तो सबसे पहले उन्हें कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में मेरी ही मोहल्ला सभा की VIDEO दिखाई गई।
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अरविंद, तुमने कपिल के साथ काम तो किया है पर शायद उसे पहचाना नहीं। वह बहुत जिद्दी है। तीन दिन से कुछ नहीं खाया उसने। मुझे गर्व है कि मैंने ऐसे बेटे को जन्म दिया। एक माँ होने के नाते बस इतना कहना चाहती हूं कि छोटी सी जानकारी उसने मांगी है वह दे दो। वह किसी का एजेंट नही केवल सच का एजेंट है। ये झूठ तुम्हारे किसी काम नही आएंगे, भगवान से डरना सीखो।

आशीर्वाद और स्नेह
डॉ अन्नपूर्णा मिश्रा

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