Top Letters
recent

इकतरफा प्रेमिका के नाम खुला खत, प्रेमिकाएं तो इससे पहले भी देखी हैं, लेकिन तुम्हारे जैसी...भगवान बचाए !

- हेमंत चतुर्वेदी

अप्रिय बीमारी,

मैं कैसे भूल सकता हूं, तीन दिन पहले की वो रात, जब एक साधारण जुकाम का झीना लिबास ओढ़कर तुम मेरे नजदीक आईं थी। रात भर नाक की सुड़की लेकर मैंने तुम्हें एडजस्ट करने की बहुत कोशिश की, लेकिन मैं समझ नहीं पाया, कि तुम्हारे दिल में क्या चल रहा है। दिन भर माथा भारी रहा, हल्की हल्की कपकपाहट दिखी, और अगली रात को कड़ाके की ठंड के साथ तुमने मेरे भीतर खुद के होने का दावा कर दिया। तब से अब तक तुम मेरे न चाहते हुए मेरी रातों की साथी बन गई हो, रात रात भर मुझे सोने नहीं देतीं। भला एक शादी शुदा आदमी के साथ इतनी जबदस्ती करना ठीक है क्या, बताओ...क्या सोचेगा सभ्य समाज? और क्या कहेंगे वो चार लोग ?

अप्रेयसी, तुम्हारे तीन दिन की मोहब्बत ने मुझे पूरी तरह से निचोड़ दिया है, रुपैया, पैसा और सेहत खर्च हो गए हैं। अब मेरे पास तुम्हें देने के लिए कुछ नहीं बचा, मैं फिर भी तुम्हें माफ करने के लिए तैयार हूं, बस फिलहाल मुझसे दूर चली जाओ। पता नहीं, कब की प्यासी थी तुम, ऐसा लग रहा है, कि स्ट्रॉ डालकर मेरा खून पी रही हो, आलम ये हो गया है, कि महीने भर तक हल्दी का दूध और सुबह के चने भी तुम्हारे दिए हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर पाएंगे। भला ऐसी कैसी मोहब्बत, जो हमारे प्रेमी को कहीं का नहीं छोड़े। प्रेमिकाएं तो इससे पहले भी देखी हैं, लेकिन तुम्हारे जैसी...भगवान बचाए...

वैसे तुम्हें अकेले झेलना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन इन दिनों तुम्हारी सौतन (मेरी ड्यूटी) ने भी मेरे प्राण खा रखे हैं। रात रात भर तुम्हारी तपन मुझे सोने नहीं देती, तो दिनभर वो मेरी छित्तर परेड करवाती रहती है। उससे मुझे दो बच्चे (मोबाइल कॉल और मैसेज) भी मिले हैं। मजाल है, कि सुबह 8 बजे से रात के 11 बजे तक मुझे 5 मिनट का भी चैन लेने दें। अब अपनी उस जिम्मेदारी के बंधन में तो मैं खुद ही बंधा हूं, लेकिन तुमसे तो मेरा कोई कमिटमेंट कभी नहीं रहा, तो फिर तुम क्यों मेरे गले पड़ रही हो। जाओ, कोई और सिंगल और नॉन कमिटेड आदमी देखो...

और एक बात सुनलो...आज डॉक्टर ने नब्ज देखकर कहा है, कि शाम तक आराम नहीं मिला, तो मलेरिया और टाइफाइड के चांस है। तो बाबू, एक बात बताओ, ये वन नाइट स्टैंड के जमाने में तुम घर बसाने के सपने देख रही हो का? अगर ऐसा है, तो तुम्हारी ऐसी की तैसी। ऐसा इंजेक्शन लगवाएंगे, कि कहीं बाहर पड़ी दिखाई दोगी, चाहे हमें कित्ता भी कष्ट हो जाए। तो निवेदन है, कि धीरे से निकल लो, जहां से आई हो वहां। बाद मैं कभी फ्री होंगे, तो फिर बुला लेंगे...विद्या रानी कसम, एक बिस्तर पर तुम्हारे साथ 15 दिन निकालेंगे, उफ तक कर जाएं, तो बोलना...लेकिन फिलहाल तुम्हारे साथ टाइम स्पैंड करने का टाइम नहीं है। 

सो टाटा...

Myletter

Myletter

Powered by Blogger.