Top Letters
recent

इरोम, तुम्हें ऐसा जीवनसाथी मिले जो तुम्हारे बेस्वाद 16 सालों की ब्याज समेत भरपाई कर सके


- मधुलिका चौधरी 

प्यारी इरोम,  

सोचा था कि 9 अगस्त को ही तुमसे यह बात कहेंगे लेकिन बातें बस मन ही मन में उमड़ती घुमड़ती रहीं. जिन्दगी के 16 साल..16 साल बहुत होते हैं यार. गाँवों के हिसाब से देखें पालने में पड़ी बच्ची इतने सालों में चुन्नी सँभालने लायक हो जाती है.पालने में पड़े बच्चे पर यौवन आने लगता है इतने वर्षों में..मैंने तुमको कई बार देखा मैगजींस के कवर पेज पर..दुबली-पतली सी लेकिन गजब की मजबूत..मुझमें तो इतनी ताब ही न थी कि तुम्हारी आँखों में देख पाऊं. 

पूरे सोलह साल तुम गाँधी जी के तरीके से अपनी बात कहती रही पर तुम्हारी किसी ने न सुनी. इस देश में गाँधी जी के तरीके का असफल होना कितना कुछ दरका गया था अंदर ही अंदर...ज़िन्दगी के सोलह साल जिस रास्ते पर चले हों वह रास्ता मंजिल तक न पहुँचाए तो कितनी तकलीफ होती होगी..है ना! अपने देश में इतना भी अनसुना रहता है भला कोई. फिर तुमने लड़ाई के रास्ते बदले लेकिन तुम्हारे इस एक निर्णय से क्या क्या कयामत न आन गुजरी कि तुम अपनों में भी पराई हो गई. उन सोलह सालों में जिन जीभों ने चटखारे लिए अनगिनत बार.. तुम्हारे रास्ता बदल लेने भर से वे कसैली हो उठीं. अपनी लड़ाई में किस कदर अकेला कर दिया तुमको कि घर में ही बेघर हो गई.

इसे भी पढ़ें...

इसे पढ़कर आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे, काश हर इंसान की सोच ऐसी हो जाए !

इरोम अभी कुछ दिन पहले एक वर्कशॉप में हम लोगों को एक टॉपिक मिला कि हमारी ऐसी कौन सी ख्वाहिश है जो लड़की होने की वजह से पूरी नही हुई या हम पुरुष होते तो क्या करते जो महिला होते हुए नही कर सके. उस दिन देर तक सोचती रही. आख़िरकार मुझे लगा कि एक पुरुष के लिए यह गौरव का विषय होगा कि तुम उसकी जीवन संगिनी बनो. अब जबकि तुमने रास्ते बदलने की सोची है, इन रास्तों पर मै तुम्हारे साथ चलना चाहती.


मैं चाहती हूँ कि तुम जानो कि तुम्हारे घर से बहुत दूर उत्तर प्रदेश के एक छोटे से ज़िले,जो कि साक्षरता के लिहाज से सबसे पिछड़ा है में अपने कमरे में बैठी एक लड़की के लिए इरोम कितना मायने रखती है.. ऐसे और भी कई दिल होंगे जिनमें तुम्हारा घर होगा. तुम अपने संघर्षों में विजयी हो. तुम्हें ऐसा जीवनसाथी मिले जो इन बेस्वाद सोलह सालों को ब्याज सहित तुम्हारी जिंदगी में ला सके. तुम भी कभी किसी पन्द्रह अगस्त को अपने देश में स्वतंत्र होने का अहसास कर सको. 

तुम्हारे लिए मेरी यही शुभकामना है. [अगर आप भी लिखना चाहते हैं कोई ऐसी चिट्ठी, जिसे दूसरों तक पहुंचना चाहिए, तो हमें लिख भेजें- merekhatt@gmail.com. हमसे फेसबुकट्विटर और गूगलप्लस पर भी जुड़ें]



Myletter

Myletter

Powered by Blogger.