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प्रिय शिखर धवन, देश के किसान आपके जितने महत्वपूर्ण नहीं हैं कि देश के प्रधानमंत्री उनकी चोट के लिए ट्वीट करें

- मिथुन कुमार

आदरणीय शिखर धवन जी

वरिष्ठ क्रिकेटर BCCI

जैसे कि क्रिकेट का त्योहार आईपीएल चल रहा है। मैं देख पा रहा हूँ आप कितना बिजी हैं। फिर भी यह पत्र मैं आपको सोशल मीडिया पर लिख रहा हूँ। मै आपके खेल का प्रशंसक रहा हूँ। जब आप ऑस्ट्रेलिया में शतक लगाकर मूछों पर ताव देते थे तो आपकी यह अदा बड़ी प्यारी लगती थी। 

आदरणीय, कुछ साल पहले खेल के सिलसिले में आपके अंगूठे में चोट भी आ गई थी। इस चोट से क्रिकेट के प्रशंसक और आपके फैन बड़े दुखी हुए थे। यहां तक कि देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी भी दुखी हुए थे। उन्होंने आपके दुख में शामिल होते हुए चिंता जताई थी। आपके लिए ट्विटर पर इस दुख के लिए ट्वीट भी किया था। 

मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई थी कि आपको प्रधानमंत्री जी भी फॉलो करते हैं और आपके दुख से दुखी भी होते हैं। मुझे इस बात की और ज्यादा खुशी हुई थी कि महज अंगूठे में चोट लग जाने से माननीय प्रधानमंत्री जी ने आपके लिए ट्विटर पर दुःख जताया था। यह आपकी प्रतिभा और माननीय प्रधानमंत्री जी के उदार हृदय का परिचायक है।

धवन जी, मुझे नहीं पता कि आपको यह पता है कि नहीं, क्योंकि आपका शेड्यूल बिजी है। इसलिए मैं यहां बताना चाहता हूं कि लखीमपुर जिले में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर एक बिगड़ैल मंत्री के बिगड़ैल बेटे ने चार चक्के की गाड़ी चढ़ा दी। जानबूझकर किये गए इस कृत्य से कई किसानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। देश मे हुई भयावह घटनाओं में से मैं इसे एक मानता हूं। जनता अपना MP चुनती है अपनी समस्याओं को संसद तक पहुंचाने के लिए, उसके निराकरण के लिए। यदि प्रतिनिधि जनता की बात न सुने तो लोग उस प्रतिनिधि के खिलाफ, मंत्री के खिलाफ, मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हैं। वहां प्रदर्शन कर रहे लोग किसान थे। वे अपनी समस्या का निदान न होने पर प्रदर्शन कर रहे थे। हम आप जिस देश मे रहते हैं, अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करने का अधिकार उस देश का संविधान हमें देता है। तो उसी संविधान के तहत वहां प्रदर्शन हो रहा था। फिर मंत्री जी के लड़के ने सत्ता के मद में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी बड़ी गाड़ी चढ़ाते हुए आगे निकल गया। 

माननीय शिखर धवन जी, इस घटना के बाद अभीतक माननीय प्रधानमंत्री जी का न तो संवेदना के लिए एक भी ट्वीट आया है और न ही कहीं वे इस घटना का जिक्र करते हुए दुखी दिखे हैं। उनकी इस उदासीनता से ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें इस घटना के बारे में जानकारी नहीं है। इसकी संभावना भी है। वह व्यस्त इंसान हैं। दुनिया भर के काम होते हैं उनके पास।

धवन जी मैं चाहता हूं कि आप अपने माध्यम से  माननीय प्रधानमंत्री जी को इस घटना के बारे में अवगत कराएं और उचित कार्यवाही का भरोसा दिलवाएं। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस पीड़ितों से किसी भी नेता को मिलने नहीं दे रही है। आप प्रधानमंत्री से रिक्वेस्ट करें कि वे पीड़ितों से मिलें और आरोपी को जल्द हिरासत में लेकर कार्यवाही का आस्वासन दें। आपसे भी उम्मीद है कि इस घटना की जानकारी होते ही आप भी आ0आने बिजी शेड्यूल से वक्त निकालकर ट्विटर पर ही संवेदना के दो शब्द जरूर लिखेंगे। आपके कुछ बोलने लिखने का फर्क होगा यह आप भी समझते हैं। 

धन्यवाद

आपका 

एक  प्रशंसक

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