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विश्व हिंदू परिषद को कुणाल कामरा का खुला खत, अगर तुम सरकारी पालतू हो तो ही तुम्हें मेरी बात बुरी लग सकती है

 -कुणाल कामरा

आदरणीय हिंदू परिषद, 

मैंने आपके नाम के साथ विश्व इसलिये नहीं लगाया क्योंकि मुझे नहीं लगता कि इस विश्व के हिंदुओं ने आपको अपने धर्म की ठेकेदारी दी है। ये आपने खुद से किया है, चलो फिर भी कोई बात नहीं।

आपने गुड़गांव में होने वाला मेरा शो क्लब के मालिक को धमकी देकर कैंसिल करवा दिया। उस बेचारे को क्या दोष दूं, उसको बिजनेस करना है, गुंडों से कैसे उलझेगा। ना पुलिस के पास जायेगा। पुलिस के पास जायेगा भी तो पुलिस तुम्हारे पास ही आयेगी रिक्वेस्ट करने। कुल मिलाकर अब सिस्टम तुम्हारा ही है। लेकिन जो हिंदू कल्चर के अपमान की बात तुम कर रहे हो, वो मैंने कब किया है। कोई क्लिप या कोई ऐसा शो हो तो मुझे भी दिखाओ। मैं तो केवल सरकार पर तंज करता हूं। अगर तुम सरकारी पालतू हो तो फिर तुम्हें बुरा लग सकता है। इसमें हिंदू की बात कहां से आ गई।

मेरे और भगवान के रिश्ते का वैसे तो मैं कोई टेस्ट देना जरूरी नहीं समझता। लेकिन फिर भी एक टेस्ट देकर तुम्हारा टेस्ट ले लेता हूं। मैं जोर से गर्व से जय श्री सीता-राम और जय राधा कृष्ण कहता हूं। अब अगर तुम सच में भारत की संतान हो तो गोडसे मुर्दाबाद लिखकर भेजो। नहीं तो मैं समझूंगा कि तुम लोग हिंदू विरोधी और आतंक समर्थक हो। कहीं तुम गोडसे को भगवान तो नहीं मानते? अगर मानते हो तो आगे भी मेरे शो रद्द करवाते रहना। मुझे सिर्फ इस बात की खुशी रहेगी कि मैं तुम्हारे से ज्यादा हिंदू होने का टेस्ट तुमसे जीत गया। 

मैं कुछ भी करूंगा, अपनी मेहनत की ही रोटी खाऊंगा क्योंकि मुझे तुमसे बड़ा हिंदू होने के नाते लगता है कि किसी को डरा धमका कर टुकड़े खाना पाप है। 

तुम्हारा आज्ञाकारी

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